सिन्धु घाटी सभ्यता / हड़प्पा सभ्यता (Indus Valley Civilization)

सिन्धु घाटी सभ्यता / हड़प्पा सभ्यता (Indus Valley Civilization)

➤ सैंधव सभ्यता आद्य-ऐतिहासिक काल की सभ्यता है।

➤ सिंधु घाटी सभ्यता को सिंधु सभ्यता, हड़प्पा संस्कृति अथवा हड़प्पा की सभ्यता अन्य नाम से भी जाना जाता है।

➤ पुरातात्विक साक्ष्यों में अलग-अलग कालों में पाए गए मृदभांड ही सिंधु घाटी सभ्यता को आर्यों से पूर्व का सिद्ध करते हैं।

➤ काले रंग की आकृतियों से चित्रित लाल मृदभांड जहां हड़प्पा सभ्यता की विशेषता है, वहीं धूसर एवं चित्रित धूसर मृदभांड (जो बाद के हैं) आर्यों से संबंधित माने गए हैं।

➤ हड़प्पा संस्कृति में पाई जानेवाली मुहरों और टेराकोटा कलाकृतियों में गाय का का निरूपण नहीं मिलता है

➤ सिंधु घाटी सभ्यता का नामकरण जॉन मार्शल ने किया था।

➤ हरियाणा के फतेहाबाद जिले में स्थित बनावली से पकी मिट्टी की बनी हल प्रतिकृति मिली है।

➤ हड़प्पावासियों की तांबा कांसा, स्वर्ण और चांदी की जानकारी थी।

➤ हड़प्पा से से पुजारी की प्रस्तर मूर्ति प्राप्त हुई है

➤ हड़प्पा संस्कृति की मुहरों एवं टेराकोटा कलाकृतियों में गाय का चित्रण नहीं मिलता

➤ हड़प्पा संस्कृति कांस्ययुगीन काल से संबंधित मानी जाती है

➤ हड़प्पा संस्कृति का स्थल मोहन जोदड़ो तथा चन्हूदड़ों सिंध नदी के तट पर अवस्थित था।

➤ हड़प्पा सभ्यता के स्थलों में से खंभात की खाड़ी के निकट भोगवा नदी के तट पर स्थित लोथल से गोदी बाड़ा बंदरगाह के साक्ष्य मिले हैं।

➤ हड़प्पा सभ्यता का सर्वाधिक मान्यता प्राप्त काल 2500 ईसा पूर्व से 1750 ईसा पूर्व है

➤ हड़प्पा सभ्यता का नामकरण चार्ल्स मेसन ने किया था।

➤ हड़प्पा में मिट्टी के बर्तनों पर सामान्यता लाल रंग का प्रयोग होता था।

➤ हड़प्पा के ध्वंसावशेषों को खोजने वाला प्रथम अंग्रेज अधिकारी चार्ल्स मेसन था, जिसने वर्ष 1842 में पहली बार इनको देखा था।

➤ हड़प्पा की खोज का संबंध दयाराम साहनी से है

➤ हड़प्पा का उत्खनन करने वाला प्रथम पुरातत्वविद ए. कनिंघम, जो इसके महत्व को नहीं समझ पाया था।

➤ हड़प्पन स्थल सनौली (बागपत जिला में) के अभी हाल में उत्खनन से मानव शवाधान प्राप्त हुई है।

➤ सैंधव सभ्यता के विशाल स्नानागार के साक्ष्य मोहनजोदड़ो से प्राप्त हुए थे।

➤ सैंधव सभ्यता कांस्य युगीन सभ्यता थी तथा यहां के लोग लोहे से परिचित नहीं थे।

➤ सुरकोतड़ा का संबंध जे पी जोशी से है

➤ सुमेरिया सभ्यता के लोग प्राचीन विश्व के प्रथम लिपि-आविष्कर्ता थे।

➤ सुमेरिया की क्यूनीफार्म लिपि को सामान्यतः प्राचीनतम लिपि माना जाता है।

➤ सिंधु सभ्यता में मातृदेवी की उपासना सर्वाधिक प्रचलित थी।

➤ सिंधु सभ्यता में कुंभकारों के भट्टों के अवशेष मोहनजोदड़ो से मिले हैं।

➤ सिंधु सभ्यता के विकसित अवस्था में मोहनजोदड़ो से घरों में कुओं के अवशेष मिले हैं।

➤ सिंधु सभ्यता की लिपि भावचित्रात्मक थी। यह लिपि दाएं से बाएं ओर लिखी जाती थी।

➤ सिंधु सभ्यता की मुहरों पर सर्वाधिक अंकन एक श्रृंगी बैलों का है उसके बाद कूबड़ वाले बैल का है।

➤ सिंधु सभ्यता का विशाल स्नानागार, मोहनजोदड़ो से पाया गया है

➤ सिंधु घाटी सभ्यता नगरीय थी, जबकि वैदिक सभ्यता ग्रामीण थी।

➤ सिंधु घाटी सभ्यता को आर्यों से पूर्व रखे जाने का महत्वपूर्ण कारण ‘मृदभांड’ है

➤ सिंधु घाटी सभ्यता के तहत खोजी गया पहला ऐतिहासिक स्थल हड़प्पा (वर्तमान पाकिस्तान में स्थित) था।

➤ सिंधु घाटी सभ्यता की सिंधु चेनाब तथा झेलम नदियों के तट पर बसे थे

➤ सिंधु घाटी सभ्यता का विस्तार उत्तर में झेलम नदी के पूर्वी तट से दक्षिण में यमुना की सहायक नदी हिंडन के तट तक माना जाता है।

➤ सिंधु घाटी में कपास को उत्पादन का प्रमाण मिला।

➤ सिंधु घाटी के लोग पशुपति शिव की पूजा भी करते थे।

➤ सर्वप्रथम मानव द्वारा तांबा धातु का प्रयोग किया गया I

➤ वस्त्रों के लिए कपास का उत्पादन सर्वप्रथम भारत में किया गया।

➤ वर्ष 1922 में राखालदास बनर्जी ने सिंध प्रांत के लरकाना जिले में सिंधु नदी के दाहिने तट स्थित मोहनजोदड़ो के टीलों का पता लगाया I

➤ लोथल का खोज का संबंध एस आर राव से है

➤ रोपड़ किस सतलज नदी के तट पर था।

➤ राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में, घग्घर नदी के किनारे स्थित कालीबंगा से, जुते हुए खेत के साक्ष्य मिले हैं।

➤ राखीगढ़ी, हरियाणा के हिसार जिले में घग्घर नदी पर स्थित है। राखीगढ़ी स्थल की खोज वर्ष 1969 में सूरजमान ने की थी।

➤ रंगपुर, गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र में काठियावाड़ प्रायद्वीप में भादर नदी के पास स्थित है।

➤ रंगपुर से प्राक्-हड़प्पा, हड़प्पा और उत्तर-हड़प्पा कालीन सभ्यता के साक्ष्य मिले हैं। रंगपुर से कच्ची ईंट के दुर्ग, नालिया, मृदभांड मिले हैं।

➤ रंगपुर में धान की भूसी के ढेर मिले हैं।

➤ रंगपुर की खुदाई (वर्ष 1953-54 में) ए. रंगनाथ राव द्वारा की गई थी।

➤ मोहनजोदड़ो से प्राप्त विशाल स्नानागार में जल कुओं से प्राप्त होता था।

➤ मोहनजोदड़ो से कूबड़ वाले बैल (ककुदमान वृषभ) की आकृति व वाली मुहर प्राप्त हुई है।

➤ मोहनजोदड़ो पर सिंधु घाटी सभ्यता से संबंधित विख्यात वृषभ मुद्रा प्राप्त हुई थी।

➤ मोहनजोदड़ो तथा चन्हूदड़ो दोनों सिंध प्रांत में तथा सुरकोटदा गुजरात में स्थित थे।

➤ मोहनजोदड़ो को ‘मृतकों का टीला’ अन्य नाम से भी जाना जाता है

➤ मोहनजोदड़ो की सबसे बड़ी इमारत विशाल अन्नागार न कि विशाल स्नानागार थी।

➤ मोहनजोदड़ो की सबसे बड़ी इमारत अन्नागार न कि स्नानागार थी।

➤ मोहनजोदड़ो एवं हड़प्पा की खुदाई के प्रभारी सर जान मार्शल थे।

➤ मोहनजोदड़ो ( वर्तमान पाकिस्तान के लरकाना जिले में स्थित) के उत्खनन से कपास के सूत की प्राप्ति की गई थी।

➤ मूर्ति पूजा का प्रारंभ पूर्व आर्य से माना जाता है

➤ मिस्र की सभ्यता का विकास नील नदी की द्रोणी में हुआ।

➤ भारत में जाति की उपलब्धता के प्राचीनतम साक्ष्य हड़प्पा संस्कृति में मिलते हैं।

➤ भारत का सबसे बड़ा हड़प्पा पुरास्थल राखी गढ़ी है

➤ प्रारंभिक हड़प्पा सभ्यता में पैर से चालित चाक का प्रयोग किया जाता था।

➤ पुरातात्विक खुदाई हड़प्पा संस्कृति की जानकारी का प्रमुख स्त्रोत है।

➤ परिपक्व हड़प्पा के दौर में हाथ से चालित चाकों प्रयोग किया जाने लगा था I

➤ नगर नियोजन, हड़प्पा संस्कृति की प्रमुख विशेषता थी।

➤ धोलावीरा का संबंध आर.एस. विष्ट से हैं।

➤ चन्हूदड़ों के उत्खनन का निर्देशन जे. एच. मैक ने किया था।

➤ घोड़े की हड्डियों के अवशेष के लिए प्रसिद्ध ‘सुरकोतदा’ था।

➤ घोड़े का अंकन हड़प्पा की मोहरों नहीं मिलता है

➤ गुजरात के धौलावीरा से हड़प्पा लिपि के बड़े आकार के 10 चिहों वाला एक शिलालेख मिला है।

➤ कालीबंगा से मृणपट्टीका पर उत्कृष्ट सींग युक्त देवता की कृति प्राप्त हुई है

➤ कालीबंगा वर्तमान में गंगानगर (राजस्थान) में स्थित है

➤ कालीबंगा घग्घर नदी के तट पर बसा था।

➤ उत्तरोतर हड़प्पा संस्कृति के अवशेष रंगपुर से मिले हैं।

➤ आलमगीरपुर हिंडन नदी के तट पर स्थित था।

➤ आलमगीरपुर वर्तमान में उत्तर प्रदेश में स्थित है।

➤ हड़प्पा संस्कृति का सर्वाधिक आधुनिक स्थल धौलावीरा है

➤ हड़प्पा सभ्यता का नामकरण चार्ल्स मेंशन ने किया था।

➤ हडप्पा रावी नदी के तट पर था।

➤ सिंधु सभ्यता की मुद्रा में आद्य शिव के समतुल्य चित्रांकन मिलता है

➤ सिंधु घाटी सभ्यता का नामकरण जान मार्शल ने किया था।

➤ सिंधु घाटी के लोग मातृशक्ति में विश्वास करते थे

➤ सिंधु घाटी के लोग पशुपति की पूजा करते थे

➤ सिंध का नखलिस्तान या बाग हड़प्पा सभ्यता के मोहनजोदड़ो को कहा गया है।

➤ लोथल में पैमानों की खोज से यह सिद्ध कर दिया है कि सिंधु घाटी के लोग माप और तौल से परिचित थे

➤ मोहनजोदड़ो, सिंधु नदी के किनारे बसा था।

➤ मोहनजोदड़ो से नृत्य मुद्रा वाली स्त्री की कांस्य की मूर्ति प्राप्त हुई है।

➤ बनावली, घग्घर और उसकी सहायक नदियों की घाटी में अवस्थित है

➤ हड़प्पा सभ्यता की संपूर्ण क्षेत्र त्रिभुजाकार का था।

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